​​​​​​हमारा ध्येय (स्वास्थ्य - स्वालंबन - स्वतंत्रता)

नमस्कार दोस्तों, 

आपका अखिल भारतीय योग महासंघ में हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत हैं - 

यदि आप भी हमारे साथ जुड़कर योग और योग क्षेत्र से जुड़े लोगो के स्वास्थ, स्वालंबन एवं आर्थिक स्वतंत्रता लिए कार्य करना चाहते हैं तो ही हमसे संपर्क करे तथा जुड़े | अखिल भारतीय योग  महासंघ की सदस्यता निशुल्क हैं, परन्तु संकल्प पूर्ण हैं | संकल्प इस बात का कि आप निस्वार्थ भाव से अपने निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर देशप्रेम को सर्वोपरी समझते  हुए अपने पूर्वजों की थाती योग को संरक्षित व संवर्धित करते हुए योग और योगक्षेत्र से जुड़े सभी योग्य व्यक्तियों के लिए तन-मन-धन पूर्वक आजीवन समर्पित व कार्यरत रहेंगे |

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सूर्य नमस्कार क्यों करें-

सूर्य नमस्कार का संबंध योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से भी जुड़ा हुआ है। सूर्य की ऊष्मा एवं प्रकाश से स्वास्थ्य में अभूतपूर्व लाभ होता है और बुद्धि की वृद्धि होती है। सूर्य नमस्कार की विधियां मुख्य रूप से हस्त-उत्तान-आसन, हस्तपादासन, अश्व संचालन, दंडासन, अष्टांग, भुजंगासन तथा पर्वतासन इन आसनों की प्रक्रियाएं अनुलोम-विलोम क्रम से की जाती हैं। जिससे की संपूर्ण शरीर के अंगों, मांसपेशियों का सम्पूर्ण शारीरिक विकास तथा श्वास-प्रश्वास के उचित प्रयोग द्वारा प्राणशक्ति तथा मानसिक शक्ति का विकास होता हैं। इतना ही नहीं अपितु त्रिबंधो के उचित प्रयोग व मंत्रो के उच्चारण से आत्मिक विकास अर्थात आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य समस्त ग्रह एवं नक्षत्र मंडल के अधिष्ठाता है तथा काल के नियंता हैं-

 सूर्य के प्रकाश एवं सूर्य की उपासना से कुष्ठ, नेत्र आदि रोग दूर होते हैं। सब प्रकार का लाभ प्राप्त होता है अर्थात मनुष्य भगवान जनार्दन विष्णु से मोक्ष की अभिलाषा करनी चाहिए। सूर्य अशुभ होने पर उक्त राशि वाले को अग्निरोग, ज्वय बुद्धि, जलन, क्षय, अतिसार आदि रोगों से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ती है। आप किसी और को नमस्कार करें या न करें, परंतु प्रत्येक दिन प्रात:काल कम से कम सूर्य नमस्कार अवश्य करें, क्योंकि सूर्य नमस्कार ही साष्टांग नमस्कार है। इसे करने से मानव निरोग, वैभवशाली, सामर्थ्यवान, कार्यक्षमतावान, पुर्णायु होता है और व्यक्तित्व प्रतिभाशाली होता है।

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यदि आप भी सूर्यनमस्कार प्रेमी अथवा योगप्रेमी है और आप प्रतिदिन हमारे साथ 108 सूर्यनमस्कार करना या सीखना चाहते हैं तो यह ग्रुप आप जैसे जिज्ञासु व अभ्यासी लोगो के लिए ही बना हैं। जिसमे आपको प्रतिदिन 108 सूर्यनमस्कार करने के साथ ही, सूर्यनमस्कार से जुडी अति महत्वपूर्ण जानकारियाँ व बारीकियों को इस ग्रुप में सीखने का मौका मिलेगा। अभ्यास के साथ अद्भुत अनुभव के लिए आप इस ग्रुप में जुड़ सकते हैं।

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